मूछों वाले साहब के विवाद पर लगा विराम आ जाओ

नोएडा । मुछों वाले साहब के विवाद पर विराम लगा तो सूबे के मुखिया ने एक आदेश  पारित किया फिर क्या था आनन फानन में आधी अधूरी तैयारियों के साथ प्रदेश के 2 सबसे महत्वपूर्ण जिलों में प्रयोग के तौर पर कमिश्नरी लागू कर दी गयी । उन्ही दो जिलों में शुमार था उत्तर प्रदेश की शो विण्डो कहे जाना वाला गौतमबुद्ध नगर । गौतमबुद्ध नगर  से आखिरी एसएसपी के पद से ऐतिहासिक विदाई पा कर रुखसत हुए सुदर्शनधारी वैभव क्रष्ण के बाद जिले की कमान मेरठ से आये आलोक कुमार ने आयुक्त के तौर पर सम्भाली । गौतमबुद्ध नगर को प्रथम आयुक्त मिला तो आमजन में उम्मीद जागी कि शायद अब जिले में बेहतर पुलिसिंग देखने को मिलेगी । तो वहीँ  आयुक्त के पद पर बैठते ही आलोक कुमार ने अधीनस्थ अधिकारियों में नकेल डालने की कोशिश की और जब अधीनस्थ अधिकारियों पर लगाम लगाई गई तो लाज़िम था कि वो अपने अधीनस्थों में लगाम लगाएंगे । हुआ भी यही लेकिन  इस रस्सा कसी का असर अब प्रयोग के तौर पर लागू की कमिश्नरी में उल्टा पड़ता नजर आ रहा है । सूत्रों की मानें तो जहाँ गौतमबुद्ध नगर जिले में चार्ज लेने के लिए पुलिस अशिकारियों को पापड़ बेलने पड़ते थे पापड़ बेलने से मतलब वो न समझा जाये जो मुछों वाले साहब ने उप्र सरकार पर लगाया था । लेकिन हां अब वही पुलिस कर्मी जिले से बाहर अपना तबादला कराने का भरसक प्रयास कर रहे हैं । सूत्रों के अनुसार 2 दर्जन से ज्यादा चौकीप्रभारी दफ़्तर पर पेशी लगाकर जिले से बाहर भेजने की गुहार लगा रहे हैं । एक चौकीप्रभारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि क्या करें जब सर पर 10-10 आईपीएस लाकर बैठा दिए हैं , रोज नए फरमान सुना दिए जाते हैं । सभी चौकीप्रभारियों पर विवेचना निपटाने के दबाब बनाया जा रहा है । यदि कुछ कमी रह जाये तो तुरन्त लाइन हाजिर का आदेश सुना दिया जाता है करें तो आखिर करें क्या ... ? योगी सरकार ने भले ही गौतमबुद्ध नगर   में प्रयोग के तौर पर 6 माह के लिए कमिश्नरी लागू कर दी है । लेकिन लगता है कमिश्नरी उससे पहले ही हाँफते हुए दम तोड़ देगी ।